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Baljit Singh Kakharoo Leaves for Heaven on 15-2-2023

स्वर्गवास हुए चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के पूर्व प्रधान स. बलजीत सिंह कखारु

बेटे राजिन्द्र सिंह और मुख्तियार सिंह ने किया पिता का अंतिम संस्कार

बलजीत सिंह कखारू का अंतिम संस्कार करते हुए

मोहाली, 16-2-2023 (नरेन्द्र कश्यप) – द चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के पूर्व प्रधान और मौजूदा सरप्रस्त स. बलजीत सिंह कखारू अपनी संसारिक यात्रा पूरी करते हुए 15 फरवरी 2023 को स्वर्गवास हो गए। परिवार से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने दोपहर का भोजन किया और उसके बाद अचानक ही उनको सांस लेने में दिक्कत हुई और वह इस संसार को छोड़ कर चले गए। उनके अचानक इस तरह चले जाने से पूरे परिवार में शोक की लहर फैल गई।
स. बलजीत सिंह कखारू का अंतिम संस्कार 16 फरवरी 2023 को दोपहर 12.30 बजे बलोंगी के श्मशानघाट में किया गया। उनके बेटों राजिन्द्र सिंह और मुख्तियार सिंह ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। दु:ख की इस घड़ी में उनके सारे रिश्तेदार, दोस्त और उनके परिवार वाले, चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के चेयरमैन एन. आर. मेहरा और सभी सदस्य, अलग अलग संस्थाओं के प्रतिनिधी, कश्यप क्रांति पत्रिका के मालिक नरेन्द्र कश्यप उनके अंतिम दर्शन करने के लिए शामिल हुए और परिवार के साथ शोक व्यक्त किया। उनके स्वर्गवास होने से कश्यप समाज को एक बहुत ही जुझारू और दानवीर साथी की कमी हो गई है। उनकी कमी परिवार और समाज को हमेशा महसूस होती रहेगी जो कभी पूरी नहीं होगी।
दु:ख की इस घड़ी में हम कश्यप राजपूत वैबसाइट और कश्यप क्रांति पत्रिका की ओर से अपने सरप्रस्त स. बलजीत सिंह कखारू के स्वर्गवास होने पर उनके परिवार के साथ शोक व्यक्त करते हैं और प्रमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वह इस नेक आत्मा को अपने चरणों में निवास दे।

अपने परिवार के साथ बलजीत सिंह कखारू

बलजीत सिंह कखारू – स. बलजीत सिंह कखारू एक बहुत ही मिलनसार और जिंदादिल इन्सान थे। इनका जन्म 22-10-1939 को गांव सिंहपुरा, जिला गुरदासपुर में पिता स. गुरदयाल सिंह और माता प्रीतम कौर के घर हुआ। इनकी शादी जालन्धर के करम सिंह और ज्ञान कौर की सपुत्री मनजीत कौर के साथ हुई। इनके परिवार में तीन बेटे और दो बेटियां हैं, जो अपने घर परिवार में खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। तीन पौत्रे और तीन पौत्रियां इनके घर की रौनक हैं। इनकी पत्नी मनजीत कौर का स्वर्गवास 31-8-2020 को कोरोना के दौरान हो गया था। अपने शुरुआती दौर में इन्होंने दिल्ली में ठेकेदारी का काम किया और जल्दी ही इंडस्ट्री में अपना एक नाम बना लिया। इसके बाद इन्होंने चंडीगढ़ में आकर अपना बिजनेस बढ़ाया और समाज सेवा में बढ़-चढ़ कर योगदान दिया।


समाज सेवा – कश्यप समाज को इनका बहुत योगदान रहा है। कश्यप क्रांति पत्रिका के सबसे पहले मैंबर बनने का गौरव स. बलजीत सिंह कखारू को हासिल है। कश्यप क्रांति पत्रिका को बुलंदियों तक पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान इनका रहा है। इन्होंने अपने सभी रिश्तेदारों और जानकारों को कश्यप क्रांति पत्रिका का मैंबर बनाया और उनको समाज के साथ जोड़ा। वह कश्यप क्रांति पत्रिका के सरप्रस्त हैं। कश्यप क्रांति पत्रिका की ओर से करवाए जाने वाले परिवार सम्मेलनों में वह कई बार मुख्य मेहमान बने और कई बार प्रधानगी की।
स. बलजीत सिंह पहले चंडगीढ़ कश्यप राजपूत सभा के कैशियर रहे और वर्ष 2000 में सभा के प्रधान चुने गए। इनके प्रधान रहते हुए चंडीगढ़ सभा के महर्षि कश्यप भवन का बहुत ज्यादा निर्माण कार्य हुआ। इसके साथ ही इन्होंने समाज में काम करने वाली संस्थाओं को बहुत योगदान दिया। अमर शहीद बाबा मोती राम मेहरा मैमोरियल चैरीटेबल ट्रस्ट फतेहगढ़ साहिब के भी यह सरप्रस्त हैं। हरिद्वार में बनी हुई कश्यप समाज की धर्मशाला को भी इनका बहुत योगदान रहा। इनकी समाज प्रति सेवाओं को देखते हुए कश्यप क्रांति पत्रिका की ओर से इनको लाइफ टाइम अचीवमैंट अवार्ड देकर सम्मानित करते किया गया था।

अपनी जीवनसाथी मनजीत कौर के साथ बलजीत सिंह कखारू

यादों में स. बलजीत सिंह कखारू

इंगलैंड के मेयर अजीत सिंह भरत के साथ बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन में समाज के साथियों के साथ बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन में समाज के साथियों के साथ बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन में समाज के साथियों के साथ बलजीत सिंह कखारू

परिवार सम्मेलन में ज्योति प्रज्जवलित करते हुए बलजीत सिंह कखारू

चंडीगढ़ कश्यप राजपूत सभा के सदस्यों की एक पुरानी फोटो

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