रत्न मन्नी वैष्णो ढाबा के मालिक स. गुरमीत सिंह मन्नी को अंतिम अरदाम में दी गई श्रद्धांजलि
अंतिम अरदास में शामिल रिश्तेदार और सज्जन
कीर्तन करते हुए भाई फतेह सिंह का रागी जत्था
28 जनवरी 2022, जालन्धर (गुरिन्द्र कश्यप) – जालन्धर के वडाला चौक वाले रत्न मन्नी वैष्णो ढाबा के मालिक स. गुरमीत सिंह मन्नी की अंतिम अरदास व रस्म पगड़ी जालन्धर के माडन टाउन गुरुद्वारा साहिब में की गई। भाई फतेह सिंह के रागी जत्थे ने बहुत ही वैरागमयी कीर्तन करते हुए अंतिम श्रद्धांजलि दी। स. गुरमीत सिंह मन्नी को श्रद्धांजलि देने के लिए परिवारिक सदस्य, रिश्तेदार, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधी, कश्यप समाज के साथी आदि शामिल हुए। मास्टर मनोहर लाल जी ने शोक सभा में आने वालों के शोक संदेश पढ़े और शामिल होने वालों का परिवार की ओर से धन्यवाद किया। अरदास के उपरंत रस्म पगड़ी की गई। इससे पहले परिवार की ओर से घर में ही सहज पाठ के भोग डाले गए और अंतिम अरदास गुरुद्वारा साहिब माडल टाउन में हुई।
स. गुरमीत सिंह मन्नी का निधन 17 जनवरी को हुआ था। उनके बेटे अजुर्न सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पिता दो दिन पहले बीमार हुए और उनको यहां हस्पताल में चैक करवाया। डाक्टर के कहने पर वह उन्हें इलाज के लिए लुधियाना ले गए जहां उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सांस लिए। गुरमीत सिंह मन्नी का अंतिम संस्कार 18 जनवरी 2022 को जालन्धर के मखदूमपुरा के श्मशानघाट में किया गया, जहां सैकड़ों नम आंखों ने उन्हें अंतिम विदाई दी।
स. गुरमीत सिंह मन्नी जालन्धर के मशहूर मन्नी ढाबा वाले परिवार से थे। पहले ज्योति चौक जालन्धर में इनके परिवार का मन्नी ढाबा था। बाद में सभी ने शहर के विभिन्न इलाकों में अपने अलग अलग ढाबे खोले और अच्छा नाम बनाया। गुरमीत सिंह मन्नी ने वडाला चौक में अपने पिता जी के नाम पर रत्न मन्नी वैष्णो ढाबा शुरु किया। इनके परिवार में दो बेटे अर्जुन सिंह मन्नी, रविंदर पाल सिंह मन्नी और एक बेटी अजिंदर कौर है जो शादीशुदा हैं अपने परिवार में बहुत खुश हैं। स. गुरमीत सिंह मन्नी एक बहुत ही अच्छे स्वभाव के मालिक और मिलनसार व्यक्ति थे।
हम कश्यप क्रांति पत्रिका और कश्यप राजपूत मैंबर्स एसोसिएशन (रजि.) की ओर से उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे व परिवार को इस दु:ख को सहने की शक्ति दे।