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Why Not Getting Suitable Match in Whatsapp Groups

वॉटसएप ग्रुपों में क्यों नहीं हो पा रहे हैं बच्चों के रिश्ते?

अपने पिछले आर्टीकल में हमने बच्चों के रिश्ता करने की समस्या के बारे में लिखा था और कहा था कि हम इसके बारे में आगे और भी आर्टीकल लिखते रहेंगे ताकि हमें अपने बच्चों के रिश्ते करने में मदद मिल सके। पहले तो कश्यप क्रांति पत्रिका में तीन-चार महीने में ऐसे आर्टीकल लिखे जाते थे, लेकिन कोविड के दौरान बंद हुई समाज की हरमन प्यारी मैगीकाीन अभी तक दोबारा शुरु नहीं हो पाई है। बहुत से साथियों के फोन या मैसेज आते हैं कि आप कश्यप क्रांति मैगकाीन को दोबारा शुरु करें, हम आपको दो या पांच साल की मैंबरशिप देने के लिए तैयार हैं। मीनाक्षी मैडम के संपादकीय आर्टीकल बहुत पसंद थे जो हमारी समस्याओं को हल करने में मदद करते थे। वैवाहिक समस्याओं को वह बहुत ही सरल ढंग से बयान करते थे। हम इसके बारे में विचार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस पत्रिका को समाज के ज्यादा से ज्यादा घरों तक पहुंचाया जाए। जब तक मासिक पत्रिका शुरु नहीं होती तब तक हम फेसबुक या कश्यप समाज की वैबसाइट पर रिश्तों की समस्या के बारे में आर्टीकल लिख कर आपके अमूल्य सुझावों का इंतजार करेंगे।
पिछले लेख में हमने लिखा था कि आज के समय में हर परिवार जिस समस्या का सामना कर रहा है – वह बच्चों के लिए उचित और योगय रिश्ता तलाश करने की है। बहुत से बच्चों की उम्र 30 साल के पार हो चुकी है लेकिन उन्हें आज भी अच्छा रिश्ता नहीं मिल रहा है। कई जगह तो यह उम्र 35 साल के ऊपर है। अखबारों में विज्ञापन देते हुए कई साल हो जाते हैं लेकिन रिश्ता नहीं होता। मैटरीमोनियल वैबसाइट पर रिश्तों की भरमार है, लेकिन पसंद नहीं आ रहा है। बहुत से लोगों ने मुफ्त के वॉटसएप गु्रप बना रखे हैं या फेसबुक पर ग्रुप चला रहे हैं जहां पर आज भी पिछले तीन-चार सालों वाले बहुत से बायोडाटा घूम रहे हैं जिनका रिश्ता नहीं हुआ है। ऐसे में हमें सोचने की जरूरत है कि क्या कारण है कि हमें अपने बच्चों के लिए रिश्ता नहीं मिल रहा है, जबकि उनकी उम्र बढ़ती जा रही है। इन्सान की औसत उम्र आज साठ साल के करीब रह गई है और उसमें भी हम बच्चों की उम्र 30-35 हो जाने के बावजूद भी उनका रिश्ता नहीं कर पा रहे हैं।
आज रिश्तों के लिए बहुत से फ्री सेवा वाले वॉटसएप ग्रुप बने हुए हैं और दो-तीन महीने बाद वही रिश्ते आ रहे हैं और लगातार तीन या चार सालों से आ रहे हैं। नए बायोडाटा भी आते हैं लेकिन परिवारों को शिकायत रहती है कि वही रिश्ते बार-बार आ रहे हैं और वो गु्रप में रिश्ते देखना कम कर देते हैं। ऐसे ही आठ-दस या ज्यादा ग्रुप भी बने हुए हैं जिनमें वही रिश्ते बार-बार आ रहे हैं। इसका कारण यह है कि जिसको अपने बच्चों के लिए रिश्ते की जरुरत होगी वह आदमी या परिवार हर जगह तलाश करेगा। ग्रुप चलाने वाले भी इसमें शामिल होते हैं वह एक नया ग्रुप बनाकर भी इसमें वही बायोडाटा अपलोड करते रहते हैं। इससे परिवारों को ज्यादा च्वॉइस नहीं मिल पाती है और वह ग्रुप में आने वालो रिश्तों के बायोडाटा को ध्यान से नहीं देखते हैं। हमने इन ग्रुप वाले परिवारों से बातचीत की और जाना कि क्यों ग्रुपों मे रिश्तों नहीं हो रहे हैं या बहुत कम हो रहे हैं। परिवारों का कहना था कि वही रिश्ते बार बार देख रहे हैं, अखबार में वही रिश्ते हैं और ये परिवार सही ढंग से जवाब नहीं देते हैं। उन परिवारों से हुई बातचीत के आधार पर हमने कुछ प्वॉइंटस नोट किए जो आप सभी से शेयर कर रहे हैं।
1. अच्छी फोटो भेजें – वॉटसएप ग्रुप पर बच्चों के रिश्तों के लिए फोटो डालते समय ध्यान रखें। यूं ही कोई भी फोटो मत अपलोड कीजिए या ग्रुप एडमिन को भेजें। सेल्फी वाली फोटो तो बिल्कुल भी मत भेजिए। ज्यादातर यही गलती हो रही है कि जो भी फोटो है या सेल्फी है वही ग्रुप में भेज देते हैं। इससे देखने वाले को अच्छा नहीं लगता है। एक कहावत है कि फस्र्ट इम्प्रेशन इका द लास्ट इम्प्रेशन। इससे देखने वाला मन बना लेता है कि अगर फोटो अच्छी नहीं है तो लडक़ा या लडक़ी भी अच्छा नहीं होगा। रिश्तों के लिए फोटो भेजते समय किसी अच्छे फोटोग्राफर या अच्छे कैमरे या अच्छे मोबाइल से सादे ढंग से तैयार होकर फोटो खिंचवा कर भेजें। किसी और भी को रिश्ते के लिए फोटो भेजनी है तो अच्छी फोटो भेजें। इसमें कोशिश करें कि आपकी फोटो सामने वाली हो साइड वाली ना हो। इससे आपको रिश्ता करने में आसानी होगी।
2. नैचुरल फोटो भेजें – ग्रुप में हो या किसी लडक़े या लडक़ी वालों को फोटो भेजनी हो तो बिना फिल्टर किए या बिना एडिट किए हुए फोटो भेजें। लडक़े या लडक़ी या रंग सांवला या गेहुंआ है तो वही फोटो भेजें ना कि उसको फिल्टर लगा कर या एडिट करके बिल्कुल गोरा रंग करके भेजें। ज्यादातर लडक़ी वाले यही करते हैं कि अपनी लडक़ी की फोटो को फिल्टर लगा कर रंग गोरा करके भेज देते हैं। इससे देखने वाले को भी पता लग जाता है कि फोटो एडिट की हुई है और वह रिश्ते को मना कर देता है। नैचुरल फोटो से आपका रंग ही नहीं पर्सनेल्टी भी अच्छी लगती है और देखने वाले को भी पसंद आ जाती है।
3. बातचीत करें – हमने अक्सर देखा है कि लोग ग्रुप में बायोडाटा तो देते हैं या देखते हैं लेकिन एक-दूसरे से बात करने से परहेज करते हैं। बहुत से लोग फोटो देखकर ही छोड़ देते हैं। फोटो ने कुछ भी नहीं बोल कर बताना है। आप दूसरी पार्टी से बात करें तो आपको उनके बारे में जानकारी मिलेगी। परिवार की जानकारी मिलेगी जिससे आपको उनके खानदान के बारे में पता चलेगा, उनके स्वभाव के बारे में जानकारी होगी जिससे रिश्ता करने में आसानी होगी। बिना बातचीत किए हुए कभी भी रिश्ता नहीं हो सकता है। यह मत सोचें कि हमने बायोडाटा दिया है तो अब दूसरा ही हमें फोन करेगा। अगर आपको कोई रिश्ता पसंद है तो आप स्वयं पहल करके दूसरी पार्टी से बात करें तभी रिश्ता हो सकेगा।
4. विश्वास करें तो रिश्ता होगा – अक्सर हमारी सोच यह रहती है कि इन्होंने ग्रुप में बायोडाटा दिया तो जरुर इनमें कोई कमी होगी। इनको अच्छा रिश्ता नहीं मिलता होगा तभी तो ग्रुपों में रिश्ता ढूंढ रहे हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होता है कि किसी में कोई कमी होगी। आज मां-बाप और बच्चों की पसंद बढ़ गई है और वह कई जगह रिश्ता तलाश करते हैं। आपको एक दूसरे पर विश्वास करना होगा तभी आप अपने बच्चों का रिश्ता कर सकेंगे। ग्रुप में कोई भी आपको विश्वास नहीं दिलाता कि आप रिश्ता करो यह परिवार अच्छा है क्योंकि कोई किसी को जानता ही नहीं है। पहले भी अखबारों के माध्यम से रिश्ते होते रहे हैं और आज भी हो रहे हैं। वॉटसएप ग्रुप या फेसबुक ग्रुप में आपको यह फायदा मिल जाता है कि यहां पर लडक़े या लडक़ी की फोटो भी साथ में देखने को मिल जाती है जो कि अखबार में नहीं मिलती थी।
5. मिलने की कोशिश करें – वॉटसएप ग्रुपों में रिश्तों की भरमार हुई पड़ी है, लेकिन सिर्फ 1 या 2 प्रतिशत ही रिश्ते हो रहे हैं। इसका एक कारण यह भी है कि हम दूसरी पार्टी को मिलने की कोशिश ही नहीं करते हैं। एक दूसरे परिवार को मिलें, इससे आपका दायरा बढ़ेगा। यदि आपकी बात यहां पर ही बन जाए तो बहुत बढिय़ा नहीं तो आप एक दूसरे परिवार को कह सकते हैं कि यदि आपके लिए रिश्तेदारी में कोई और अच्छा रिश्ता हो तो बताएं और हम भी आपके लिए कोशिश करेंगे। इससे यदि आपका रिश्ता वहां नहीं भी हुआ तो भी आपको परिवारों की जानकारी मिल जाएगी और आपका रिश्ता वहां हो सकता है। हो सकता है कि जहां आपका रिश्ता होना है वह ग्रुप में शामिल ही न हो और दूसरे परिवार की जानकारी में हो। इसलिए रिश्तों के लिए दूसरे परिवारों से मिलने की कोशिश करें।
6. अच्छे मेजबान बनें – बच्चों का रिश्ता करने के लिए अच्छा मेजबान बनना भी बहुत जरूरी है। वैसे तो सभी लोग अपने रिश्तोंदारों के आने पर खूब अच्छी सेवा करते हैं, लेकिन रिश्ता देखने के समय सोचते हैं कि अभी थोड़े से काम चला लेते हैं। अगर बात बन गई तो अच्छी सेवा करेंगे। ऐसी सोच बिल्कुल गलत है। हमने पहले भी लिखा है कि फस्र्ट इम्प्रेशन इका द लास्ट इम्प्रेशन होता है। आप रिश्ता करने वालों की अच्छी से सेवा करें, उनसे अच्छे से व्यवहार करें। इसमें थोड़ा खर्च तो होता है, लेकिन दूसरे को अच्छा लगता है। यदि किसी कारण आपकी बात नहीं भी बनती तो वह परिवार दूसरों को कह सकता है कि यह परिवार अच्छा है, मिलनसार है। हमारी बात नहीं बन पाई लेकिन आप बात करें, आपको पसंद आएगा। यदि आपकी सेवा और व्यवहार अच्छा नहीं है तो वह दूसरों को मना कर देगा कि इस परिवार में रिश्ता बिल्कुल ना करें। इससे आपको मुश्किल हो सकती है। आपका व्यवहार ही आपकी पहचान बन जाएगा।
7. थोड़ा खर्च करें – वॉटसएप ग्रुप में जुडऩे का मतलब होता है कि आप मुफ्त की सेवा में रिश्ता ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। जब आपने बच्चे की शादी करनी है और उसमें अपनी क्षमता के अनुसार 8-10 लाख या ज्यादा का खर्च करना है तो आप रिश्ते ढूंढने में कंजूसी क्यों कर रहे हो? पैसे तो आप तभी खर्च करोगे जब रिश्ता होगा। आप कहते हो कि हम शादी अच्छी करेंगे, लेकिन रिश्ता ढूंढनें में आप खर्च नहीं करना चाहते हैं। ग्रुप में यदि आपको कोई रिश्ता करनावे के लिए फीस कहता है तो आपको अच्छे रिश्ते के लिए खर्च करना चाहिए। थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में बच्चों के रिश्ते की उम्र न बढ़ाएं। यदि पैसे खर्च करके आपको अपने बच्चे के लिए अच्छा रिश्ता मिल सकता है तो आपको इसमें ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। आप अपने इलाके में काम करने वाली किसी भी संस्था से जुड़े, उनकी मीटिंग में शामिल हों, जिससे आपका दायरा बढ़ सके। इससे आपको अपने बच्चों के लिए अच्छा रिश्ता मिलने में मदद होगी। कश्यप क्रांति पत्रिका की ओर से हर साल परिवार सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसमें बहुत से परिवारों को आपस में मिलने से अच्छी जान-पहचान हो जाती है और उनके रिश्ते आसानी से हो जाते हैं।
हमने कश्यप क्रांति पत्रिका की ओर से कश्यप समाज के लिए एक वैबसाइट www.kashyaprajput.com शुरु की है जिस पर परिवारों का बायोडाटा अपोलड किया जा रहा है। इसी वैबसाइट पर बच्चों के रिश्तों का बायोडाटा भी दिया जा रहा है जिसकी फीस बहुत कम है और एक बार में रिश्ता होने तक यह बायोडाटा समाज के बहुत से परिवारों तक पहुंच रहा है। इस सेवा की कोई फीस नहीं है और आप इस सेवा का फायदा उठा सकते हैं। बच्चों का रिश्ता करने के लिए ऊपर बताए गए प्वाइंटस पर गौर कीजिए और अपने कीमती सुझाव दीजिए कि आप किस तरह के आर्टीकल पढऩा चाहेंगे और इस आर्टीकल से आपको कोई मदद मिलती है तो जरुर बताइए।
मीनाक्षी कश्यप
मुख्य संपादक – कश्यप क्रांति पत्रिका

This Post Has One Comment

  1. Meenakshi

    Very good article, useful for parents finding match for their children

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