अनिल कुमार मन्नी के अंतिम श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए विभिन्न संस्थाओं के गण्य-मान्य
बहुत ही विनम्र और मिलनसार स्वभाव के मालिक थे अनिल कुमार मन्नी
गरुड़ पुराण की कथा सुनाते हुए पंडित जी
जालन्धर, 2-12-2024 (नरेन्द्र कश्यप) – जालन्धर शहर में कम्पनी बाग चौक के नजदीक मशहूर मन्नी वैष्णो ढाबा के मालिक स्वर्गीय अनिल कुमार मन्नी की अंतिम रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि समारोह महालक्ष्मी मंदिर जेल रोड जालन्धर में हुई। श्रद्धांजलि समारोह में दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए रिश्तेदार, शहर के गण्य-मान्य व्यक्ति, अलग अलग संस्थाओं के प्रतिनिधी, राजनीतिक हस्तियां शामिल हुई। दु:ख की इस घड़ी में परिवार के साथ शोक व्यक्त करने के लिए पूर्व कौंसलर शैरी चड्डा, कांग्रेस के पूर्व विधायक और जिला अध्यक्ष राजिन्द्र बेरी विशेष तौर पर पहुंचे और अनिल कुमार मन्नी को श्रद्धांजलि भेंट की।
अनिल मन्नी के परिवार की ओर से घर में गरुड़ पुराण का पाठ करवाया गया जिसका भोग महालक्ष्मी मंदिर में डाला गया। भोग के उपरंत अनिल मन्नी के बेटे मानव मन्नी के सिर पर पगड़ी रखी गई। श्रद्धांजिल समारोह में दूर दूर से रिश्तेदार, कश्यप समाज के विभिन्न साथी और समाजिक और व्यपारिक संस्थाओं के प्रतिनिधी पहुंचे। अनिल कुमार मन्नी कम्पनी बाग चौक के नजदीक मन्नी वैष्णो ढाबा के मालिक हैं। वह बहुत ही मिलनसार, खुशमिजाज और विनम्र स्वभाव के मालिक थे। श्री राम नवमी की शोभायात्रा के दौरान वह हर साल लंगर लगाते थे। अखनूर में बनी हुई मन्नी वंश के देहरी को बनाने के लिए इनका बहुत सहयोग था। विभिन्न संस्थाओं को उनकी ओर से हमेशा सहयोग मिलता था।
अनिल कुमार मन्नी के परिवार में पत्नी सुनीत मन्नी, बेटा मानव मन्नी और बेटी चाहत हैं। बेटी चाहत शादीशुदा है और अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी बिता रही है। 21 नवम्बर को दिल का दौरा पडऩे से अनिल कुमार मन्नी स्वर्ग सिधार गए थे। इनका अंतिम संस्कार हरनामदास पुरा के श्मशानघाट में किया गया था, जहां बहुत बड़ी संख्या में रिश्तेदार और जानकार शामिल हुए थे। ऐसे नि:स्वार्थ और कर्मयोगी साथी के चले जाने से जहां परिवार को बहुत दु:ख पहुंचा है वहीं कश्यप समाज ने भी एक अच्छा साथी खो दिया है जिसकी कमी हमेशा महसूस होगी।
हम कश्यप क्रांति पत्रिका और कश्यप राजपूत वैबसाइट की टीम की ओर से अनिल कुमार मन्नी को अंतिम श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं और इनके परिवार के साथ दु:ख सांझा करते हैं। हम प्रमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वह बिछड़ी आत्मा को अपने चरणों में निवास दे और परिवार को इस दु:ख को सहने की शक्ति प्रदान करे।