JALANDHARAY VANSH DEHRI
Devi Nagar, G.T. Road, Ambala City
Mel - March Month & Asharh Purnima Every Year
Contact No. : 94647-58622
जलन्द्रा वंश के रीति-रिवाज
जय बाबा मंगल जी, माता शीला सत्यवती जी, जलन्द्रा वंश का गौत्र (शिव) है।
जलन्द्रा वंश में काला कपड़ा, कांच की चूडिय़ां पहनना मना है।
विवाह-शादी के रीति-रिवाज
शादी का कार्ड, मिठाई बड़ों के मन्दिर में रख कर बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करें। लडक़े की शादी के दूसरे दिन आगे बताई गई विधि के अनुसार 5 या 7 पूडिय़ों के अंजारन मनसने हैं।
अंजारन मनस कर लडक़े व बहु को इक्टठे माथा टिकवाना है। अंजारन मनसने वाले व्य्क्ति को यथा शक्ति अनुसार नकदी या वस्त्र दें व अंजारन मनसने के बाद अपने गोती में बांट दें।
अंजारन बनाने की विधि
पांच-पांच पूडिय़ां, थोड़ा सा हलवा, फीकी खिचड़ी, मां की दाल की बड़ीयां तल कर 14 अंजारन के ऊपर रखने हैं। कनक का मरूंडा बनाना है। गाय के गोबर में बेरी टहनी लगा कर ऊपर गुलाबी रंग की चुनरी देनी है। सरसों के तेल का दीपक जला कर माथा टेकना है। मौली, सिन्दूर, मेहन्दी जल का लौटा साथ रखें। एक बड़ों का मर्दाना सूट, एक जनाना सूट साथ रखें। घर का बड़ा व्य्क्ति या औरत इन बने हुए अंजारन के ऊपर पांच या सात बार पानी घुमाकर मनस सकता है। जिस व्यक्ति ने अंजारन मनसे हो उसे यथा शक्ति नकदी और वस्त्र दें। पहला अंजारन बड़ों का दूसरा लड़कियों (ध्यानियों) का, तीसरा काले कुत्ते का, उसके बाद लडक़ा व बहु को दे, बाकी परिवार में बांट दें। गर्भवती होने पर नई चीज नहीं लगानी, नया कपड़ा नहीं डालना। छठे महीने रीतां लेने मायके जाना है। अमावस्या के बाद जो बुधवार आएगा उसमें रीतां करनी है। सातवें महीने में अंजारन निकालने हैं, जैसे शादी के समय किये थे। आटा, कपड़ा, घी, गुड़, शिंगार का समान, मेहन्दी, दातुन, सुरमा, चावल, दाल थोड़ा थोड़ा मायके से मंगवाएं। चूड़ा उतारने पर हलवा बना कर मुंह मीठा करें। चूड़ा मौली में बांध कर रखें।
बच्चे के जन्म की रीत
लडक़ा होने पर पहले बुधवार को 2.5 किलो गुड़ मनस कर बेटियों में बांट दें। लडक़ी होने पर 1.25 किलो गुड़ मनस कर बेटीयों में बांट दें। लडक़े की मां बकरे का मीट ना खाए और मेहन्दी ना लगाए।